कर्मो' से ही पहेचान होती है इंसानो की... महेंगे 'कपडे' तो,'पुतले' भी पहनते है दुकानों में
बहुत ही खूबसूरत लाईनें..
कोई मजबूरियाँ ख़रीद कर नहीं लाता..!
बुरा वक़्त किसीको बताकर नही आता..!
नसीब के बिना नही जीत सकती..
कभी बादशाह नही बन सका...!!"
पर रोटी की साईज़ लगभग सब घर में एक जैसी ही होती है।
शानदार बात
बदला लेने में क्या मजा है मजा तो तब है जब तुम सामने वाले को बदल डालो..|| इन्सान की चाहत है कि उड़ने को पर मिले, और परिंदे सोचते हैं कि रहने को घर मिले... : 'कर्मो' से ही पहेचान होती है इंसानो की... महेंगे 'कपडे' तो,'पुतले' भी पहनते है दुकानों में !!.
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