अपनी यादें अपनी बातें लेकर जाना भूल गए

अपनी यादें अपनी बातें लेकर जाना भूल गये

जाने वाले जल्दी में मिलकर जाना भूल गये

मुड़-मुड़ कर देखा था जाते वक़्त रास्ते में उन्होंने

जैसे कुछ जरुरी था जो वो हमें बताना भूल गये

वक़्त-ए-रुखसत भी रो रहा था हमारी बेबसी पर

उनके आंसू तो वहीं रह गये वो बाहर ही आना भूल गये✒🍃


Comments

Popular posts from this blog

एक लड़की की शादी हुई और उसकी सहेली को उसकी सुहागरात के बारे में जानने की बड़ी ही उत्सुकता थी।

अक्ल बांटने लगे विधाता, लंबी लगी कतारें,

क्या BF देखना पाप है?